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Ayen Hairate Aashiqui | Gulzar

Dam dara dam dara, chashm chashme nam
Dam dara dam dara, chashm chashme nam

Sun mere hum dum
Hamesha ishq mein hi jeena

Ayen hairate aashiqui jagaa mat
Pairon se zameen zameen laga mat

Kyon Urdu Faarsi bolte ho
Das kehte ho do tolte ho
Jhooton ke shehenshah bolo na

Kabhi jhaankhon meri aankhen
Sunaaye ek daastaan
Jo honton se kholna

Do chaar maheen se lamhon mein
Do chaar maheen se lamhon mein

Umron ke hisaab bhi hote hain
Jinhen dekha nahin kal tak

Jinhen dekha nahin kal tak
Kahin bhi ab kok mein
Woh chahre bote hain

-- written by Gulzar

ख्वाब साबित करने पड़ते हैं

अगर ऐसा भी हो सकता
तुम्हारी नींद में सब ख्वाब अपने मुन्तक़िल करके
तुम्हें वह सब दिखा सकता
जो ख्वाबों में मैं अक्सर देखा करता हूं
ये हो सकता है अगर मुमकिन तुम्हें मालूम हो जाता
तुम्हे मैं ले गया था सरहदों के पार दिना मैं
तुम्हें वह घर दिखाया था जहां पैदा हुआ था मैं
जहां छत पर लगा सरयों का जंगला धूप से दिन भर मेरे आंगन में सतरंगी बनाता था मिटाता था
दिखाई थी तुम्हें वह खेतियां सरसों के दिनों में
कि जिस के पीले पीले फूल तुमको ख्वाब में कच्चे खिलाए थे
वही एक रास्ता था टालियो का जिस पर मीलों तक पारा करते थे
चूले सौंधे सावन के उसी की सौंधी खुशबू से महक उठी है आंखें
जब कभी उस ख्वाब से गुजरो
तुम्हें रोहतास का चलता हुआ भी तो दिखाया था
किले में बंद रहता था जो दिन भर रात को गांव में आ जाता था कहते हैं
तुम्हें काला से कालू वालों तक लेकर उड़ा हूं
मैं तुम्हें दरिया ए झेलम पे अजब मंजर दिखाए थे
जहां तरबूज पर लेटे लेटे हुए तीरक लड़के बैठे रहते थे
जहां तगड़ी से एक सरदार की पगड़ी पकड़कर मैं नहाता डुबकियां  लेता
मगर जब घोटा जाता तो मेरी नींद खुल जाती
मगर यह सिर्फ ख्वाबों में ही मुमकिन है
वहां जाने में अब दुश्वारियां हैं कुछ सियासत की
वतन अब भी वही है पर नहीं है मुल्क अब मेरा
वहां जाना अब तो दो दो सरकारों के दसयों दफ्तरों से शकल पर लगवा कर मुहरें
ख्वाब साबित करने पड़ते हैं


-- गुलज़ार 
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