सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है
अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी है
यह सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है
लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में
यहां पर सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है
मैं जानता हूं कि दुश्मन भी कम नहीं लेकिन
हमारी तरह हथेली पर जान थोड़ी है
हमारे मुंह से जो निकले वही सदाकत है
हमारे मुंह में तुम्हारी जबान थोड़ी है
जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं जाति मकान थोड़ी है
सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है
No comments:
Post a Comment